क्या होता है जब रक्त पीएच (pH) अम्लीय (Acidic) हो जाता है?
पूर्व लेख- Cancer, Diabetes, Kidney like diseases, Caused by acidity in the blood! -You can avoid them. कैंसर, मधुमेह, किडनी जैसे कई रोग, होते हें रक्त में अम्लता के कारण! - और आप उनसे बच सकते हें
- थकान या उनींदापन (Fatigue or Drowsiness),
- समान्य कार्य से ही थकान होना (To be tired of common work).ऊर्जा का अभाव, शक्ति की कमी, और लगातार थकान रहना,
- भ्रम (confusion),
- सांस की तकलीफ (shortness of breath),
- तंद्रा या नींद की कमी (sleepiness),
- सिर दर्द (headache),
- भूख की कमी (lack of appetite),
- मन्दाग्नि (धीमी गति से पाचन और मलत्याग)
- शरीर का पीलापन या पीलिया (jaundice),
- ह्रदस्पंदन (दिल धड़कन बड़ना increased heart rate),
- फलों की बदबू जैसी गंध आना यह लक्षण विशेषकर मधुमेह जन्य अम्ल रक्तता diabetic acidosis (ketoacidosis) में मिलता है|
- मोटापा या वजन बढ़ना,
- मांसपेशियों में दर्द,
- शरीर के निचले भाग का तापमान अधिक होना,
- बार-बार संक्रमण होना, सेक्स सुख में कमी,
- अवसादग्रस्तता (depressive tendencies),
- तनाव होना,
- नेत्र और पलकों में भारीपन,
- दांतों में संवेदनशीलता, सूजन, दर्द और गिरना,
- मुहं और पेट में छाले, होंठों का फटना,
- एसिडिटी, आमाशय शोथ (gastritis),
- नाख़ून का पतलापन और आसानी से टूटना,
- बालों का झड़ना, दोमुहां, सफेदी, या रंगहीन होना,
- त्वचा संवेदनशील होना (easly irritated),
- पैर में ऐंठन और बाएंटे आना
क्या है अम्लीयता से उत्पन्न समस्या का हल?
What is the solution to the problem arising from blood acidifying?
रक्त में अम्लता बड़ना एक दुश्चक्र की तरह होता है, जैसे जब अम्ल बढ़ता है तो रोग होते हें फिर रोगों से अम्ल बढता है, और यह अंत हीन चक्र शुरू हो जाता है| {ऊपर चित्र देखें}
- अधिक अच्छा है की प्रारम्भ से ही अम्ल बड़ने न दिया जाये, इसके लिए आहार व्यवस्था, और नियमित व्यायाम सहित स्वस्थ्य जीवन चर्या अपनानी होगी| फिर भी यदि अम्लरक्तता हो गई है तो निम्न प्रकार से नियंत्रण कर लेना चाहिए इससे पहिले की रोग चक्र शुरू हो|
- तम्बाकू धुम्रपान रक्त की अम्लीय को बढ़ाते हें| कोशिकाओं में अक्सिजन की कमी केंसर बनती है| तुरंत बंद कर देवें|
- अम्लीय और क्षारीय भोजन मध्य तालमेल बनायें| Balancing Between Acid / Alkali Foods.
- किसी भी खाद्य को अधिक मात्रा या लगातार खाने से बचें|
- नियमित व्यायाम से अम्लीय खाध्य भी पचाया जा सकता है| व्यायाम करें घुमने जाएँ खेल में रूचि लें|
- अधिक पानी पियें इससे अधिक मूत्र आयेगा रक्त की अम्लीयता कम हो जाएगी|
- अम्लीयता बढ़ने वाले पार्टी फ़ूड, जंक फ़ूड, फ़ास्ट फ़ूड आदि बंद कर दें|
- सलाद गाजर, मूली, कच्ची सब्जियां, अंकुरित अनाज, और फलों को भोजन के साथ पहिले खाएं| इससे कब्ज की समस्या भी नहीं होगी|
- रात्रि में देरी से भोजन न करें| सोने से तीन चार घंटे पूर्व कुछ न खाएं,
- सुबह जल्दी उठना रात में जल्दी सोना अम्लीयता से बचने का प्राक्रतिक उपाय है|
- रोज ताजा नीबू का रस गर्म पानी मिलकर पीने से अम्लीयता दूर होती है|
- आप चाहे शाकाहारी हों या न हों भोजन में प्रोटीन, कार्बोहायड्रेट, फेट्स, सभी का संतुलित अनुपात बनायें|
- बाज़ार के खाने से बचने के जैसा और कोई उपाय नहीं| कोशिश करें की जब भी खाएं घर पर बना हुआ हो| बाज़ार के खाने के लगभग प्रत्येक खाध्य में अधिकतर अजीनोमोटो मिलाया जाता है जो खाने के प्रति इच्छा को और बढ़ता है, कितना भी खाए संतुष्टि नहीं मिलती, और बार बार उसी दुकान पर खाने का मन करता है| परिणाम स्वरूप अम्लीयता पैदा होती है|