Rescue from incurable disease

Rescue from incurable disease
लाइलाज बीमारी से मुक्ति उपाय है - आयुर्वेद और पंचकर्म चिकित्सा |

What happens when blood pH gets acidified? & What is the solution to the problem arising from blood acidifying?

What happens when blood pH gets acidified? & What is the solution to the problem arising from blood acidifying?
क्या होता है जब रक्त पीएच (pH) अम्लीय (Acidicहो जाता है? 
पूर्व लेख-  Cancer, Diabetes, Kidney like diseases,  Caused by acidity in the blood! -You can avoid them. कैंसर, मधुमेह, किडनी जैसे कई रोग, होते हें  रक्त में अम्लता के कारण! - और आप उनसे बच सकते हें
जब भी किसी व्यक्ति को निम्न समस्याएं हों  तो उसका रक्त अम्लीय हो गया हैऔर सावधान  हो जाये इससे पाहिले की कोई भयानक रोग उसे नष्ट कर दे?  

  • थकान या उनींदापन (Fatigue or Drowsiness)
  • समान्य कार्य से ही थकान होना (To be tired of common work).ऊर्जा का अभावशक्ति की कमीऔर लगातार थकान रहना,
  • भ्रम (confusion),
  • सांस की तकलीफ (shortness of breath)
  • तंद्रा या नींद की कमी (sleepiness)
  • सिर दर्द (headache)
  • भूख की कमी (lack of appetite)
  • मन्दाग्नि (धीमी गति से पाचन और मलत्याग)
  • शरीर का पीलापन या पीलिया (jaundice)
  • ह्रदस्पंदन (दिल धड़कन बड़ना increased heart rate)
  • फलों की बदबू जैसी गंध आना यह लक्षण विशेषकर मधुमेह जन्य अम्ल रक्तता diabetic acidosis (ketoacidosis) में मिलता है|
  • मोटापा या वजन बढ़ना,
  • मांसपेशियों में दर्द,  
  • शरीर के निचले भाग का तापमान अधिक होना,
  • बार-बार संक्रमण होनासेक्स सुख में कमी
  • अवसादग्रस्तता (depressive tendencies)
  • तनाव होना,  
  • नेत्र और पलकों में भारीपन
  • दांतों में संवेदनशीलतासूजनदर्द और गिरना
  • मुहं और पेट में छालेहोंठों का फटना
  • एसिडिटीआमाशय शोथ (gastritis)
  • नाख़ून का पतलापन और आसानी से टूटना
  • बालों का झड़नादोमुहांसफेदीया रंगहीन होना
  • त्वचा संवेदनशील होना (easly irritated)
  • पैर में ऐंठन और बाएंटे आना 
आदि आदि लक्षण को आधुनिक चिकित्सा विज्ञान अम्लरक्तता को ही मानता है|

यह प्रारम्भिक कष्ट आगे चलकर हृदय तथा रक्तवाहिका क्षति (cardiovascular damage),   मधुमेह (diabetes)मूत्राशय समस्या, किडनी की पथरी (स्टोन), प्रतिरक्षा की कमी (immune deficiency)हारमोनल समस्याएं, समय से पहले बुढ़ापाऑस्टियोपोरोसिस या संधिवात (joint pain), एज्जिमा और सोरयसिस जसे चर्मरोग|

इसीलिए आयुर्वेद में इन रोगों को ही मिथ्याहार-विहार से उत्पन्न बतलाया है|   
वास्तव में वह असंतुलित भोजन ही सामान्यत अम्लीयता (एसिडिक) उत्पन्न कर जींस में परिवर्तन करता है|  इस अम्लीयता की जाँच भी हम स्वयं कर सकते हें|   
 पीएच कैसे करें जाँच ?
प्रात: हम कुछ भी खाने या कुछ पीने से पहले अपनी पहली लार या मूत्र में लिटमस कागज का उपयोग करके अपने पीएच स्तर का परीक्षण कर सकते हैं| यह लिटमस पेपर शहर की किसी भी प्रयोगशाला उपकरण/ रसायन बेचने वालों से लिया जा सकता है|
[7 ph से कम अम्लीय कहा जाता है, और एक 7 से अधिक  पीएच क्षारीय (alkaline) हैं  हमारे मनुष्य के लिए आदर्श पीएच थोड़ा क्षारीय (alkaline) 7.30 - 7.45 होता है| ]

क्या है अम्लीयता से उत्पन्न समस्या का हल?

What is the solution to the problem arising from blood acidifying?
रक्त में अम्लता बड़ना एक दुश्चक्र की तरह होता है, जैसे जब अम्ल बढ़ता है तो रोग होते हें फिर रोगों से अम्ल बढता है, और यह अंत हीन चक्र शुरू हो जाता है| {ऊपर चित्र देखें}

कैसे तोड़ें इस अंतहीन चक्र को?
  1. अधिक अच्छा है की प्रारम्भ से ही अम्ल बड़ने न दिया जाये, इसके लिए आहार व्यवस्था, और नियमित व्यायाम सहित स्वस्थ्य जीवन चर्या अपनानी होगी| फिर भी यदि अम्लरक्तता हो गई है तो निम्न प्रकार से नियंत्रण कर लेना चाहिए इससे पहिले की रोग चक्र शुरू हो|    
  2. तम्बाकू धुम्रपान रक्त की अम्लीय को बढ़ाते हें| कोशिकाओं में अक्सिजन की कमी केंसर बनती है| तुरंत बंद कर देवें|  
  3. अम्लीय और क्षारीय भोजन मध्य तालमेल बनायें| Balancing Between Acid / Alkali Foods.
  4. किसी भी खाद्य को अधिक मात्रा या लगातार खाने  से बचें|
  5. नियमित व्यायाम से अम्लीय खाध्य भी  पचाया जा सकता है|  व्यायाम करें घुमने जाएँ खेल में रूचि लें|
  6. अधिक पानी पियें इससे अधिक मूत्र आयेगा रक्त की अम्लीयता कम हो जाएगी|
  7. अम्लीयता बढ़ने वाले पार्टी फ़ूड, जंक फ़ूड, फ़ास्ट फ़ूड आदि बंद कर दें|
  8. सलाद गाजर, मूली, कच्ची सब्जियां, अंकुरित अनाज, और फलों को भोजन के साथ पहिले खाएं| इससे कब्ज की समस्या भी नहीं होगी|
  9. रात्रि में देरी से भोजन न करें| सोने से तीन चार घंटे पूर्व कुछ न खाएं,
  10. सुबह जल्दी उठना रात में जल्दी सोना अम्लीयता से बचने का प्राक्रतिक उपाय है|  
  11. रोज ताजा नीबू का रस गर्म पानी मिलकर  पीने से अम्लीयता दूर होती है|
  12. आप चाहे शाकाहारी हों या न हों भोजन में प्रोटीन, कार्बोहायड्रेट, फेट्स, सभी का संतुलित अनुपात बनायें|
  13. बाज़ार के खाने से बचने के जैसा और कोई उपाय नहीं| कोशिश करें की जब भी खाएं घर पर बना हुआ हो| बाज़ार के खाने के लगभग प्रत्येक खाध्य में अधिकतर अजीनोमोटो मिलाया जाता है जो खाने के प्रति इच्छा को और बढ़ता है, कितना भी खाए संतुष्टि नहीं मिलती, और बार बार उसी दुकान पर खाने का मन करता है| परिणाम स्वरूप अम्लीयता पैदा होती है| 
समस्त चिकित्सकीय सलाह, रोग निदान एवं चिकित्सा की जानकारी ज्ञान (शिक्षण) उद्देश्य से है| प्राधिकृत चिकित्सक से संपर्क के बाद ही प्रयोग में लें| इसका प्रकाशन जन हित में किया जा रहा है।
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चिकित्सा सेवा अथवा व्यवसाय?

स्वास्थ है हमारा अधिकार १

हमारा लक्ष्य सामान्य जन से लेकर प्रत्येक विशिष्ट जन को समग्र स्वस्थ्य का लाभ पहुँचाना है| पंचकर्म सहित आयुर्वेद चिकित्सा, स्वास्थय हेतु लाभकारी लेख, इच्छित को स्वास्थ्य प्रशिक्षण, और स्वास्थ्य विषयक जन जागरण करना है| आयुर्वेदिक चिकित्सा – यह आयुर्वेद विज्ञानं के रूप में विश्व की पुरातन चिकित्सा पद्ध्ति है, जो ‘समग्र शरीर’ (अर्थात शरीर, मन और आत्मा) को स्वस्थ्य करती है|

निशुल्क परामर्श

जीवन के चार चरणौ में (आश्रम) में वान-प्रस्थ,ओर सन्यास अंतिम चरण माना गया है, तीसरे चरण की आयु में पहुंचकर वर्तमान परिस्थिती में वान-प्रस्थ का अर्थ वन-गमन न मान कर अपने अभी तक के सम्पुर्ण अनुभवोंं का लाभ अन्य चिकित्सकौं,ओर समाज के अन्य वर्ग को प्रदान करना मान कर, अपने निवास एमआइजी 4/1 प्रगति नगर उज्जैन मप्र पर धर्मार्थ चिकित्सा सेवा प्रारंंभ कर दी गई है। कोई भी रोगी प्रतिदिन सोमवार से शनी वार तक प्रात: 9 से 12 एवंं दोपहर 2 से 6 बजे तक न्युनतम 10/- रु प्रतिदिन टोकन शुल्क (निर्धनों को निशुल्क आवश्यक निशुल्क ओषधि हेतु राशी) का सह्योग कर चिकित्सा परामर्श प्राप्त कर सकेगा। हमारे द्वारा लिखित ऑषधियांं सभी मान्यता प्राप्त मेडिकल स्टोर से क्रय की जा सकेंगी। पंचकर्म आदि आवश्यक प्रक्रिया जो अधिकतम 10% रोगियोंं को आवश्यक होगी वह न्युनतम शुल्क पर उपलब्ध की जा सकेगी। क्रपया चिकित्सा परामर्श के लिये फोन पर आग्रह न करेंं। ।

चिकित्सक सहयोगी बने:
- हमारे यहाँ देश भर से रोगी चिकित्सा परामर्श हेतु आते हैं,या परामर्श करते हें, सभी का उज्जैन आना अक्सर धन, समय आदि कारणों से संभव नहीं हो पाता, एसी स्थिति में आप हमारे सहयोगी बन सकते हें| यदि आप पंजीकृत आयुर्वेद स्नातक (न्यूनतम) हें! आप पंचकर्म चिकित्सा में रूचि रखते हैं, ओर प्रारम्भ करना चाह्ते हैं या सीखना चाह्ते हैं, तो सम्पर्क करेंं। आप पंचकर्म केंद्र अथवा पंचकर्म और आयुर्वेदिक चिकित्सा प्रक्रियाओं जैसे अर्श- क्षार सूत्र, रक्त मोक्षण, अग्निकर्म, वमन, विरेचन, बस्ती, या शिरोधारा जैसे विशिष्ट स्नेहनादी माध्यम से चिकित्सा कार्य करते हें, तो आप संपर्क कर सकते हें| सम्पर्क समय- 02 PM to 5 PM, Monday to Saturday- 9425379102/ mail- healthforalldrvyas@gmail.com केवल एलोपेथिक चिकित्सा कार्य करने वाले चिकित्सक सम्पर्क न करें|

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