Rescue from incurable disease

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लाइलाज बीमारी से मुक्ति उपाय है - आयुर्वेद और पंचकर्म चिकित्सा |

गर्भधारण टिप्स

     विवाह का एक मकसद संतानोत्पति भी होता है। किसी भी महिला के लिए मां बनने से अच्छा कोई अनुभव नहीं होता। हर महिला के जीवन में यह समय कभी न कभी आता हैं।पर यह भी सही हे की गर्भ धारण में अधिकांश तह पुरुष भी जिम्मेदार होता हे।देखे  पुरूषों में बांझपन या नपुंसकता: ।लेकिन कुछ महिलाएं ऐसी भी होती हैं जिन्हें किन्हीं कारणों से गर्भधारण में परेशानी होती है। ऐसे में उनके लिए जानना बेहद जरूरी हैं कि वे गर्भधारण के लिए कैसे सेक्स करें। गर्भधारण में सहायक कौन-कौन सी पोजीशंस हो सकती हैं।  जानें गर्भधारण टिप्स के बारे में।

संभोग की कई ऐसी पोजीशंस बताई गई हैं, जो गर्भधारण में सहायक होती हैं। पति-पत्नी को इन पोजीशंस के बारे में पता होना चाहिए।
लोगों का मानना है कि संभोग के बाद यदि स्त्री पीठ के बल थोड़ी देर लेटी रहे तो गर्भधारण की संभावना बढ़ जाती है।
ऐसा माना जाता है कि गर्भधारण के लिए दिन का समय सबसे अच्छा रहता है क्योंकि दिन के समय आप तरोताजा़ रहते हैं।
गर्भधारण के लिए जरूरी है कि महिलाएं माहवारी के समय गर्भधारण का प्रयास न करें।
सेक्स का ध्येय गर्भधारण है , तो संभोग के दौरान बहुत ज्या‍दा उत्साहित न हो।
गर्भधारण करना बहुत मुश्किल नहीं है लेकिन कुछ कपल्स के लिए ये एक जटिल समस्या बन जाता हैं। ऐसे में गर्भधारण न होने पर डॉक्टर की सलाह लेना आवश्यक है।
कई बार पुरूषों या महिलाओं में किसी तरह का यौन विकार होने से गर्भधारण में परेशानी होती है। यदि ऐसा हो तो जल्द से जल्द चिकित्सा शुरू कर देनी चाहिए ।
पुरूष या महिला में किसी भी तरह का रोग होने पर बेझिझक डॉक्टरी सलाह लेनी चाहिए व अपने साथी को इस बारे में बताना चाहिए।
गर्भधारण के लिए मानसिक रूप से तैयार होना भी जरूरी है। कई बार गर्भधारण से पहले महिलाएं डरी हुई होती हैं या फिर उनमें कुछ चीजों को लेकर शंकाएं बनी रहती हैं। जिससे गर्भधारण में समस्या आती है । ऐसे में जरूरी हो जाता है कि महिलाएं पहले पूरी तरह से सुनिश्चित हो कि वाकई वे गर्भधारण और होने वाले बच्चे की परवरिश के लिए तैयार हैं या नहीं।
आज बदलती तकनीक ने जहां हमारी समस्याएं बढ़ाई हैं, वहीं कुछ बातें आसान भी की हैं। ऐसे में आप गर्भधारण से पहले थोड़ी प्लानिंग भी कर सकती हैं।



समस्त चिकित्सकीय सलाह रोग निदान ,एवं चिकित्सा की जानकारी ज्ञान(शिक्षण) उद्देश्य से हे| प्राधिकृत चिकित्सक से संपर्क के बाद ही प्रयोग में लें |.

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जीवन के चार चरणौ में (आश्रम) में वान-प्रस्थ,ओर सन्यास अंतिम चरण माना गया है, तीसरे चरण की आयु में पहुंचकर वर्तमान परिस्थिती में वान-प्रस्थ का अर्थ वन-गमन न मान कर अपने अभी तक के सम्पुर्ण अनुभवोंं का लाभ अन्य चिकित्सकौं,ओर समाज के अन्य वर्ग को प्रदान करना मान कर, अपने निवास एमआइजी 4/1 प्रगति नगर उज्जैन मप्र पर धर्मार्थ चिकित्सा सेवा प्रारंंभ कर दी गई है। कोई भी रोगी प्रतिदिन सोमवार से शनी वार तक प्रात: 9 से 12 एवंं दोपहर 2 से 6 बजे तक न्युनतम 10/- रु प्रतिदिन टोकन शुल्क (निर्धनों को निशुल्क आवश्यक निशुल्क ओषधि हेतु राशी) का सह्योग कर चिकित्सा परामर्श प्राप्त कर सकेगा। हमारे द्वारा लिखित ऑषधियांं सभी मान्यता प्राप्त मेडिकल स्टोर से क्रय की जा सकेंगी। पंचकर्म आदि आवश्यक प्रक्रिया जो अधिकतम 10% रोगियोंं को आवश्यक होगी वह न्युनतम शुल्क पर उपलब्ध की जा सकेगी। क्रपया चिकित्सा परामर्श के लिये फोन पर आग्रह न करेंं। ।

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